किसानों ने 30 तक बढ़ाया धरने का समय
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा सूबा समिति के बुलावे पर डीसी दफ्तर के समक्ष चल रहा धरना सोमवार को आठवें दिन में शामिल हो गया। किसान नेताओं की तरफ से अपनी मांगों को लागू कराने के लिए धरने का समय 30 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया।
27 दिसंबर को धरने की शुरुआत माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादे की शहादत को समर्पित स्टेज की कार्यवाही श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मौन धारण कर की गई थी। इस दौरान जिला प्रधान पूरन सिंह दोदा, महासचिव गुरभगत सिंह भलाईआना, सीनियर उपाध्यक्ष हरबंस सिंह कोटली, गुरपाश सिंह सिघेवाला, मलकीत सिंह गग्गड़, हरपाल सिंह धूलकोट, गुरतेज सिंह, सकत्तर सिंह सिघेवाला, गुरमीत सिंह, बिट्टू और निशान सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से किसान संघर्ष प्रति दुशमनी भरा व्यवहार रखते हुए लाखों किसानों, बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को अत की सर्दी, गर्मी, बारिश, तूफान के मौसमों में एक साल से अधिक समय लगाया और 700 से और ज्यादा किसान इस संघर्ष में अपनी जान गंवा गए।
परिणाम स्वरुप मोदी सरकार को किसानों के संघर्ष आगे झुकना पड़ा। नेताओं ने कहा कि अब चन्नी सरकार केंद्र सरकार जैसा रवैया अपना रही है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि गुलाबी सुंडी से नरमे की हुई तबाही और गढ़ेमारी के साथ धान और फसलों की तबाही का मुआवजा किसान को 17 हजार रुपये एकड़ और खेत मजदूरों को अलग से 17 सौ रुपये अदा करने, खुदकशी पीडित किसानों मजदूरों के परिवारों को 3-3 लाख रुपये और 1-1 मेंबर को सरकारी नौकरी, 5 एकड़ मालकी वाले किसानों को 2 लाख रुपये तक की कर्ज माफ करे। पुलिस केस तुरंत वापस ले और शहीदों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक-एक सदस्य को नौकरी समेत ओर मांगों को तुरंत पूरा करने की मांग की। चेतावनी दी कि तब उनकी मांगे पूरी नहीं होती संघर्ष जारी रहेगा।